Alienum phaedrum torquatos nec eu, vis detraxit periculis ex, nihil expetendis in mei. Mei an pericula euripidis, hinc partem.
Navlakha Mahal
Udaipur
Monday - Sunday
10:00 - 18:00
       
Satyarth Prakash Nyas / Aryavart Gallery

Aryavart gallery

जीवतराम मीणा

 

नवलखा महल में महर्षि दयानन्द सरस्वती के बारे में अच्छी जानकारी मिली एवं रामायण के बारे में भी अच्छी जानकारी मिली इस महल में आकर हमें अनेक जानकारी प्राप्त हुईं जो प्राचीन इतिहास से अवगत कराती हैं।

 

जीवतराम मीणा

मोती कुमार

 

इस स्थान का वर्णन जितना अच्छाई के प्रति किया जाय उतना कम है इस जगह को देखने से यह पता चलता कि हमारे भारत देश में भी दर्शन करने एवं घूमने वाली जगहें बहुत अच्छी-अच्छी हैं। मैं भारतीय होने पर गर्व करता हूँ। यह जगह काफी सुन्दर है।

 

मोती कुमार
बिहार

निशान्त

 

बहुत अच्छी जानकारी मिली है, बहुत अच्छी जगह है। उम्मीद है आने वाली पीढ़ियों के लिए आप इन सभी जगहों को सहेजकर रखेंगे क्योंकि आने वाली पीढ़ियों को हमारे अतीत और हमारे इतिहास के बारे में पता होना चाहिए जिसकी बदौलत विश्व के मानचित्र पर भारत का नाम एक अलग तरह से चमकता है।

 

निशान्त
हरियाणा

अशोक कुमार

 

स्वामी दयानन्द जी का चरित्र चित्रण एवं वेदों उपवेदों का दिग्दर्शन बहुत ही सुन्दर रूप से किया गया है। यह चित्रदीर्घा हमें आध्यात्मिक दृश्टि से देखने पर अपनी संस्कृति एवं प्राचीन सभ्यता का दिग्दर्शन कराती है। बहुत ही शिक्षाप्रद है यह गैलेरी।

 

अशोक कुमार
हिंडौनसिटी ;राजण्द्ध

विजय गोयल

 

स्वामी जी की रचना सत्यार्थ प्रकाश की रचना स्थली को देखकर बहुत अच्छा लगा। ऋशि की जीवनी के चित्रों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे मानो उनमें जीवन है। स्वामी जी के चित्रात्मक वर्णन ने मेरे जीवन में स्वामी जी को मेरा आराध्य गुरु बना दिया। यहाँ के कार्यरत सेवाभावी कर्मचारियों का व्यवहार बहुत अच्छा एवं मधुर है।

 

विजय गोयल
डांगरीए जेसलमेर ;राजण्द्ध

आशुतोष गोस्वामी

 

वैदिक विचारधारा एवं महर्शि दयानन्द सरस्वती जी के अद्भुत जीवन अनुभव से अवगत होकर ज्ञान प्राप्ति के साथ-साथ मन को अतीव षान्ति मिली।

 

आशुतोष गोस्वामी
कोटा ;राजण्द्ध

गुरप्रीत सिंह

 

महर्शि दयानन्द जी जैसे महान् व्यक्ति के जीवन दर्षन को मैं देखकर अभिभूत हो गया। निःसंदेह अद्भुत दर्षनदीर्घा एवं ‘सत्यार्थ प्रकाष’ रचनास्थली को देखकर मन में श्रद्धा एवं ऋशि के प्रति आभार उमड़ आया। कोटि-कोेटि धन्यवाद इस न्यास को एवं इनके सहयोगियों को।

 

गुरप्रीत सिंह
लसाडियाए उदयपुर ;राजण्द्ध

राजकुमार टांक

 

आर्य समाज के संस्थापक महर्शि दयानन्द सरस्वती अपने विचारों और सत्कर्मों से आज भी हमारे समक्ष अक्षुण्ण हैं। उनके अनुयायियों द्वारा भारत की संस्कृति को कायम रखना और आगे बढ़ाना बहुत अच्छी बात है, इससे सामाजिक बुराईयों को समाप्त करने में सहायता मिलेगी। महर्षि के जीवन के तैलचित्रों को क्रमबद्ध प्रकार से देखकर अति प्रसन्नता हुई। बहुत सुन्दर लगा। महर्षि दयानन्द ने सत्यार्थ प्रकाश की रचना यहीं की थी ये मुझे आज यहाँ आकर पता चला। यहाँ (नवलखा महल) का रख-रखाव एवं साफ-सफाई अति सुन्दर है।

 

राजकुमार टांक
देहरादून ;उत्तराखंडद्ध

अभिषेक कुमार

 

आज मैं उस जगह पे आया हूँ जहाँ पर महर्शि दयानन्द ठहरे थे। इस स्थान पे आकर मैं धन्य हो गया। यहाँ ट्रस्ट के द्वारा जो आर्यावर्त्त चित्रदीर्घा बनायी गयी है निश्चित रूप से यह दीर्घा ज्ञान का खजाना है। मैं भी इस खजाने से ढ़ेर सारा ज्ञान प्राप्त करके जा रहा हूँ।

 

अभिषेक कुमार व्यास
मुंबई

अरविन्द सिंह करेलिया

 

सत्यार्थ प्रकाश वास्तव में जीवन को परिवर्तन करने वाला है। यह आर्ट गैलेरी यहाँ के आगन्तुकों एवं छात्रों के लिये बहुत महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका है। आर्यसमाज एवं वेदों, रामायण, महाभारत, मेवाड़ के राजघराने की थोड़ी झलकियाँ बहुत प्रेरणादायक एवं ज्ञान वर्धक हैं।

 

अरविन्द सिंह करेलिया
९९८२६६८५९५

सत्यदेव सोनी

 

मेरी उदयपुर की ये पहली विजिट थी। मुझे यहाँ (आर्यावर्त्त चित्रदीर्घा, नवलखा महल) आकर बहुत अच्छा लगा। मैं अपने आपको बहुत सौभाग्यशाली समझता हूँ कि मुझे उस जगह आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जहाँ श्री स्वामी जी ने अपने सर्वश्रेश्ठ ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश का प्रणयन किया।

 

सत्यदेव सोनी

सत्यवीर सिंह आर्य

 

बचपन से महर्शि दयानन्द सरस्वती जी के बारे में सुनते आये थे आज इस स्थान को देखने का मौका मिला। इस पावन भूमि को बारम्बार प्रणाम।

 

सत्यवीर सिंह आर्य
अलवर
९००१३६६८२८

जयश्री कासरे

 

आर्यावर्त्त गैलेरी नव पीढ़ी के लिए सहेजी हुई आपकी अमूल्य धरोहर है जो भारतीय संस्कृति एवं अन्य महान् सपूतों, वीरों एवं महापुरुषों की संक्षिप्त परिचय कारक है। बच्चों के साथ एक सुखद अनुभव के साथ दुर्लभ ज्ञान प्राप्त हुआ। धन्यवाद

 

जयश्री कासरे
उज्जेन

संजू

 

स्वामी दयानन्द के बारे में कौन नहीं जानता। परन्तु आज उनके बारे में विस्तार से जानने को मिला। उनका व्यक्ति अनुपम है। उनकी प्रेरणाएँ हमारा हमेशा मार्ग दर्शन करेंगी। मैं बहुत आभारी हूँ इस संस्था का, जिनके कारण मुझे स्वामी जी के बारे में विस्तार से जानने को मिला। सदैव हमारा मार्ग दर्शन करेंगे स्वामी जी के सुविचार। धन्यवाद।

 

संजू

परमेश्वरनाथ मिश्र

 

नवलखा महल स्थित चित्रदीर्घा का पूर्वावलोकन किया। यह सम्पूर्ण विश्व को अपने वेद ज्ञान से प्रकाशित करने वाले संन्यासियों के सूर्य, महर्शि दयानन्द सरस्वती जी एवं आर्यसमाज की महान् विभूतियों एवं भारतवर्श के षीर्श क्रान्तिकारियों के कार्यों एवं उनके जीवनोपलब्धियों से हमें अवगत कराती है। इस चित्रदीर्घा के निर्मातागण, प्रबन्धकगण तथा दिग्दर्शक सभी धन्यवाद के पात्र हैं।

 

परमेश्वरनाथ मिश्र ;न्यायविद अधिवकताद्ध
उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालयए कलकत्ताए भारत

राजेश सेठी

 

महर्शि दयानन्द द्वारा रचित अमर ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश की लेखन स्थली को देख हृदय श्रद्धा से अभिभूत हो गया। ऋशि जीवन से सम्बन्धित दीर्घा अत्यन्त सुन्दर एवं प्रेरक है। सत्यार्थप्रकाश स्मारक न्यास के सौन्दर्य को बढ़ाने एवं इसके प्रचार-प्रसार की अत्यधिक आवश्यकता है। जिससे अधिकाधिक लोग इस ओर आकर्षित हो सकें। वास्तव में यह आर्यों का तीर्थ स्थल है। जहाँ से प्रेरणा लेकर आर्यजन अधिकाधिक उर्जा प्राप्त कर वैदिक धर्म के प्रचार में संलग्न हो सकते हैं।

 

राजेश सेठी
मेरठ

श्री लोकेश द्विवेदी

 

आज नवलखा महल में किसी कार्यक्रम के निमित्त आना हुआ। संयोग से चित्र प्रदर्शनी देखने का सुयोग बना। श्री अशोक जी आर्य ने सम्पूर्ण प्रदर्शनी के वाघमय को जिस कलेवर के साथ प्रस्तुत किया अन्तर्मन प्रसन्नता से ओप्रोत हो गया। महर्शि दयानन्द क्या थे और उनके विचार एवं सिद्धान्त आज भी हैं इस प्रदर्शनी से जीवन्त परिलक्षित होता है।

 

श्री लोकेश द्विवेदी
उपमहापौरए नगरनिगमए उदयपुर

दिव्या कच्छारा

 

यहाँ हमें प्राचीन काल के बारे में जैसे रामायण, महाभारत व कृश्ण चरित के बारे में ज्ञान प्राप्त हुआ। हमें यह भी पता चला कि देश को आजाद कराने में भी कई लोगों ने अपनी जान लगा दी थी तथा दयानन्द सरस्वती जी के जीवनी के बारे में भी बहुत जानकारी मिली।

 

दिव्या कच्छारा

गुरुकुल महाविद्यालय

 

महर्शि दयानन्द एक ऐसी महान् आत्मा थे जिनकी प्रशंसा षब्दों में बयां नहीं कर सकते। सभी महापुरुशों में केवल दयानन्द जी ने समग्र विश्व को पाखण्ड, अंधविश्वास से अलग करने का कार्य किया, जो आज तक किसी ने नहीं किया। मैं इनके सिद्धान्तों को जीवन में उतारूँगी और समाज में भी प्रचार-प्रसार करूँगी।

 

भावनाए कुसुमए शिवानीए यशवंती एवं निष्ठा
श्री मद्ददयानन्द कन्या गुरुकुल महाविद्यालयए शिखापुरमए चोटिपुरा
९४५७०४५८८१

अमित राज

 

भारतीय इतिहास की इतनी अधिक जानकारी एक जगह मिलना दुर्लभ है इस जानकारी से भरी प्रदर्शनी का मेरे हिसाब से कोई मोल नहीं है। परन्तु इसका जो षुल्क रखा गया है उसे बढ़ाना चाहिए ताकि उसी धन से यहाँ पर जानकारी को और बढ़ाया जा सके। अति सुन्दर जानकारी के लिए हृदय से धन्यवाद।

 

अमित राज
भीलवाडा

पृथ्वी सिंह

 

इस भव्य चित्रप्रदर्शनी के माध्यम से अमूल्य जानकारी प्राप्त कर हम बहुत अभिभूत हुए। आर्य समाज एवं स्वामी दयानन्द की शिक्षाओं से वास्तव में विश्व को एक नई दिशा दी जा सकती है। मेरा और मेरे परिवार की ओर से स्वामी दयानन्द सरस्वती को षत्-शत् नमन।

 

पृथ्वी सिंह
इंदौर

अंनी सेना

 

इस भव्य प्रदर्शनी को देखकर मुझे बहुत ही अच्छा लगा। जीवन में कुछ नया सीखने की प्रेरणा मिली। मुझे कैंसर है, मैं बहुत नर्वस हो चुकी थी। लेकिन अब जो जिन्दगी बची है उसे खुल के जिऊँगी। बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

अंनी सेना

डॉ. राम रनेश सिंह

 

आर्य समाज के संस्थापक महर्शि दयानन्द सरस्वती अपने विचारों और सद्कर्मों से आज भी हमारे समक्ष अक्षुण्ण हैं। अनुयायियों द्वारा इनकी संस्कृति को कायम रखना और आगे बढ़ना बहुत अच्छी बात है। इससे सामाजिक बुराईयों को समाप्त करने में मदद मिलेगी। संस्था की रख-रखावट और साफ-सफाई अच्छी है।

 

डॉ. राम रनेश सिंह
आकाशवाणीए पटना ;बिहारद्ध

नन्द बिहारी

 

अहं अत्र आगत्य बहु सम्यक् अनुभवं प्राप्तवान् अस्मि। ‘स्वामी दयानन्द सरस्वती’ एतेशां विशये ज्ञानं प्राप्तवान्। एतेशां शिक्षया सर्वे जनाः स्वस्य उन्नतिं प्राप्स्यति। एतैः मानवसमाजस्य कृते या शिक्षा दत्ता। सा शिक्षा अस्माकं कृते अपि आवश्यकी। इति विचिन्त्य अहं अत्र आगतवान्। दयानन्द सरस्वती द्वारा वेदस्य उपदेशेन संस्कृतस्य अथाह ज्ञानविशये शिक्षां प्रदत्ता। अतः अत्र आगत्य कृतार्थो अस्मि। इति जयतु भारतम्।

 

नन्द बिहारी
बांरा
९८७५०३७००७

सोहनलाल सुवालका

 

पहली बार नवलखा महल आर्ट गैलरी देखने का सुअवसर मिला, बहुत ही रोचक एवं नई शिक्षाप्रद जानकारियाँ मिली जो जीवन में नई ऊर्जा एवं गतिप्रदान करेगी, बहुत ही षानदार एवं सुन्दर है। धन्यवाद!

 

सोहनलाल सुवालका
रंगकर्मी एवं फिल्म कलाकर सविनाखेडाए उदयपुर

जय श्री चौधरी

 

मैं एक छोटी बच्ची हूँ, जो कि तीसरी कक्षा मंे पढ़ रही हूँ। मैंने महर्षि दयानन्द सरस्वती का नाम पढ़ा और कुछ सुना भी है लेकिन आज मेरी मनोकामना या मन की भावना पूर्ण हो गई। जो यहाँ के अंकल जी ने समझाया उससे आशा है दयानन्द की जीवनी मैं कभी नहीं भूलूँगी व जीवन सुधारूँगी।

 

जय श्री चौधरी
९७९९०१३७३८

हाफिज खान

 

मुझे यह सब जानकर, देख कर बहुत जानकारी मिली। अभी तक हम जितना जानते थे काफी नहीं था, वास्तविक ज्ञान यहाँ आकर मिला। ये ज्ञान पाकर मुझे बहुत ही प्रसन्नता हुई और नवलखा महल की ब्रान्च वर्ल्ड के हर कोने में होनी चाहिए। जहाँ हर इंडियन अपने भारतवर्श के बारे में जान सके। इंडियन ही नहीं बल्कि वर्ल्ड का हर मनुश्य, भारत के नागरिक अपने इतिहास के बारे में किसी विदेशी को या स्वदेशी को पूरा विवरण दे सकें। आज तो हमारे भारतीय भी बहुत कम जानते हैं।
इसलिए मैं चाहता हूँ इस पहल का बहुत विकास हो। यहाँ जानकारी बढ़ाई जाए। जैसे हर बडे़ ऋषि-मुनि व अच्छे राजा, खेल आदि के बारे में विवरण हो।

 

हाफिज खान
७६६५२६९६८९

भेरु लाल

 

मुझे स्वामी जी (महर्शि दयानन्द सरस्वती) जी की जीवनी को जानने का अवसर प्राप्त हुआ। इनके जीवन चरित्र को जानकर मन अति प्रसन्न हुआ। ये एक ऐसे महापुरुश थे जिन्होंने हमारे देश व देश में फैले पाखण्ड एवं बुराईयों को दूर करने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। हमें आज के समय में इनकी सभी बातों को स्वीकार कर जीवन में उतारना चाहिए। जिससे हम भी समाज व राश्ट्र के हितार्थ कार्य कर सकें एवं जीवन का आनन्द उठा सकें।
इस दीर्घा को देखकर बहुत आनन्द आया और मैं यहाँ से प्राप्त शिक्षा को अपने जीवन में भी उतारने का प्रयास करूँगा। धन्य हो ऋशिवर दयानन्द।

 

भेरु लाल
उदयपुर

सुमित टंडन

 

मुझे उदयपुर आने का मौका लगा। बहुत से दर्शनीय स्थल देखे मानसून पैलेस, सिटी पैलेस आदि पर सबसे बढ़िया सबसे सुन्दर दर्शनीय स्थल नवलखा महल लगा। बहुत सुन्दर व्यवस्थित आर्यावर्त्त की शान आर्य गैलेरी, मन प्रसन्न हो गया। सभी को एक बार अवश्य आना चाहिए।

 

सुमित टंडन
लुधियाना

कमल कुमार

 

यह एक अच्छा अनुभव था मेरे लिये आर्यसमाज को जानने का और मुझे आर्य समाज में एक बात अच्छी लगी। मूर्ति पूजा नहीं करना।

 

कमल कुमार
जोनपुर

श्री महेश कुमार

 

मेरा यह सौभाग्य है कि आज यह अत्यन्त खूबसूरत भव्य संग्रहालय देखने को मिला। राजस्थान ही नहीं देश की बहुत ही महान् दैदीप्यमान नक्षत्र की तरह चमकने वाली हस्तियांे के भव्य चित्र/प्रदर्शनी आज आपके यहाँ देखने को मिली।
महर्शि दयानन्द सरस्वती के जीवन चरित्र की प्रदर्शनी बहुत ही रोचक व मनमोहक लगी। प्राचीन ऋशियों व देशभक्तों के चरित्र को देखने का अत्यन्त सौभाग्य हमें मिला। आपको व आपकी समिति व कर्मचारियों को हमारी ओर से बहुत-बहुत साधुवाद। आपका भी नाम चमकता रहे।

 

श्री महेश कुमार वैष्णवए श्री सवाई सिंह
कुडए जोधपुर

ईशवर सिंह

 

यहाँ आकर आर्य समाज के बारे में समस्त जानकारी प्राप्त कर एवं देश को आजादी दिलाने वालों के चित्र देखकर मन को प्रसन्नता हुई। काश मेरा भी जन्म उस दौरान ही हुआ होता तो मुझे भी इनके साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ होता। अति सुन्दर साज सज्जा एवं रखरखाव देखकर मन आनन्दित हो गया।

 

ईशवर सिंह
झूंझनू

संजय गोरे

 

ऐसी जानकारी कहीं पर नहीं मिलेगी और सत्यता के प्रति सबको इसे जान लेना आवश्यक है। बहुत ही प्रेरणास्पद एवं लाभदायक जानकारी मिली। बहुत-बहुत धन्यवाद

 

संजय गोरे
मुंबई

ओम प्रकाश सिंह

 

महान् समाज सुधारक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने विश्व विख्यात् कालजयी ग्रन्थ रत्न सत्यार्थप्रकाश की रचना इस पावन स्थल पर की। यहाँ आकर अत्यन्त हर्शानुभूति हुई।

 

ओम प्रकाश सिंह
जयपुर

ओम प्रकाश भदोरिया

 

आज आर्य समाज, डबरा, जिला ग्वालियर (मध्यप्रदेश) के छः साथियों (आर्याें) के साथ नवलखा महल को देखा। अति आनन्द एवं गौरव का अनुभव हुआ। महर्शि के इस स्मारक को बनवाकर सभी आर्याें सहित भारतीय संस्कृति पर बड़ा उपकार किया। बहुत धन्यवाद।

 

ओम प्रकाश भदोरिया
मध्यप्रदेश आर्य प्रान्तीय सभाए अन्तरंग सदस्य

शैलेश केण् पटेल

 

ईश्वर की कृपा से ही सुअवसर प्राप्त होता है। इतने दिनों से उदयपुर में भ्रमण/सम्पर्क होने पर भी यहाँ नहीं आ पाना दुर्भाग्य ही था। आज अनायास आने एवं इस महल/प्रदर्शनी को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अपने मित्रों से भी आग्रह करूँगा कि वे भी इस प्रदर्शनी को देख अपनी विरासत के विशय में जानें। प्रशंसनीय प्रयास है।

 

शैलेश केण् पटेल
वडोदरा ;गुजरातद्ध

विशाल कुमार

 

इस आर्ट गैलेरी में दर्शायी गई हर एक चित्र और जानकारी से हमें काफी कुछ सीखने व जानने का अवसर प्राप्त हुआ और हमारे इतिहास के बारे में कई जानकारियाँ ऐसी मिली जिसे जानकर मैं बहुत प्रसन्न हुआ। मैं यहाँ के कार्यकर्त्ताओं को दिल से धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने हमारी संस्कृति को बचा कर रखा है।

 

विशाल कुमार
कोटा

अमित कुमार

 

विशेश बात इस आर्ट गैलेरी में वैसे सभी कुछ बहुत ही सुन्दर रहा। मगर जो सबसे बेहतरीन विशयवस्तु लगी वह यह कि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के जीवन को फोटो एवं चलचित्र के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है वह बहुत ही काबिले तारीफ है।

 

अमित कुमार चौबे
गोरखपुर

ओमप्रकाश आर्य

 

भगवद् कृपा से महर्शि दयानन्द जी द्वारा रचित अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश का हृदय स्थल गुलाब बाग, नवलखा महल देखकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई। उदयपुर आने वाले लोगों के लिए इसे और भी रोचक स्थल बनाया जावे।

 

ओमप्रकाश आर्य
चुरू

बाबूलाल मेघवाल

 

स्वामी जी ने जीवन में बहुत कश्ट सहकर हिन्दू धर्म का अध्ययन करके इसमें अंध विश्वासों का नाश करके आर्य समाज की स्थापना की तथा समाज में व्याप्त कुरीतियाँ जैसे सती प्रथा, मूर्ति पूजा, भेदभाव का विरोध कर हिन्दू समाज में जागृति देने का कार्य किया।

 

बाबूलाल मेघवाल
नागौर

राजेंद्र आर्य

 

नवलखा महल, गुलाबबाग में स्थित आर्यावर्त्त गैलेरी बहुत ही सुन्दर व आकर्शक है। इसमें स्वामी जी के जीवन की सजीव झाँकी प्रस्तुत की है। इसको देखकर मैं तो क्या कोई भी दर्शक मन्त्र मुग्ध हो जाएगा। इसमें स्वामी जी की ब्रह्मचर्य के बल एवं दूरर्शिता का अद्भुत दिगदर्शन होता है।

 

राजेन्द्र आर्य
नेनोरा

डी. शर्मा

 

मुझे महर्शि दयानन्द सरस्वती द्वारा लिखा गया सत्यार्थ प्रकाश जिय स्थान पे लिखा गया वह स्थान देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। निश्चित रूप से यह स्थान आनन्दमय, षान्तिमय एवं चिन्तनमय है। इस स्थान को बार-बार देखने की इच्छा होती है।

 

डी. शर्मा
गुजरात

पुनीत दीक्षित

 

नवलखा महल वर्तमान व आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक ज्ञान स्थल है जो प्राणी मात्र को सत्य की राह दिखाता है।

 

पुनीत दीक्षित
गाजियाबाद

पंकज पटेल

 

यह स्थल प्राचीन वैदिक साहित्य का अभूतपूर्व खजाना है। यह ऋशि मुनियों की गाथाओं और जीवनी का व्यवस्थित संगम है। इस पवित्र भूमि को मैं बारम्बार नमन करता हूँ।

 

पंकज पटेल
उदयपुर

चन्द्रवीर

 

यह सब बहुत अच्छा व ज्ञानवर्धक है यह समाज के लोगों को ज्ञान बढ़ाने, सच्चाई अपनाने, क्रान्तिकारी बनने की प्रेरणा देता है। यह सब पढ़कर बहुत अच्छा लगा।

 

चन्द्रवीर
हरियाणा

जयप्रकाश रावल

 

यह प्रदर्शनी अद्भुत है। वर्तमान काल में समाज में विभिन्न प्रकल्पों एवं प्रयासों द्वारा भारत की दैवीय संस्कृति की सांस्कृतिक विरासत पर कुठाराघात हो रहा है। उसके अन्तर्गत यह प्रदर्शनी मानव समाज अर्थात् मनुश्य मात्र के पथ प्रदर्शन के लिये एवं कल्याण के लिये मील का पत्थर सिद्ध होगी।

 

जयप्रकाश रावल
सिरोही

गजेन्द्र

 

मैं उदयपुर में कई स्थानों पर घूमने गया। लेकिन मुझे यह स्थान अत्यधिक अच्छा व षान्तिमय लगा। मानो काफी समय यहीं व्यतीत करते रहें।

 

गजेन्द्र
दिल्ली

अलोक सिंह

 

ऋशि दयानन्द की कर्मस्थली नवलखा महल, उदयपुर आकर अपार खुशी हुई। आपका प्रयास वैदिक संस्कृति एवं ज्ञान के प्रचार-प्रसार हेतु नींव के पत्थर जैसा है। इसके लिए आपको कोटि-कोटि धन्यवाद।

 

अलोक सिंह
जयपुर

अजय पुरोहित

 

मुझे यहाँ आकर परम आनन्द की अनुभूति हुई व कई प्रकार से प्रेरणा मिली। बहुत ही सुन्दर और सरल रूप से भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का वर्णन यहाँ की विशेशता है।

 

अजय पुरोहित
जयपुर

गिरीश शर्मा

 

बहुत ही सुन्दर, प्रभावशाली, ज्ञान का प्रकाश करने वाली एवं स्वर्ग सा आनन्द देने वाली इस चित्रदीर्घा से मैं बहुत प्रभावित हूँ। इसके संचालन करने वालों को कोटिशः धन्यवाद।

 

गिरीश शर्मा
ईसवाल

गिरीश तिवारी

 

अत्युत्तम! भारतीय संस्कृति की गौरव गाथा की अनुपम आर्ट गैलरी। प्राचीन संस्कृति, वेद, संहिता आदि के बारे में अद्भुत जानकारी। अत्यन्त श्रेश्ठ प्रयास।

 

गिरीश तिवारी
भरतपुर

टी. आर. साहू

 

बेहद रुचिकर एवं समाज को एक विशिश्ट दिशा देने वाला केन्द्र नवलखा महल स्वामी दयानन्द जी की अद्भुत देन है। आज की युवा पीढ़ी को सफल मार्गदर्शन हेतु बेहद सफल प्रयास है यह चित्रदीर्घा। मैं यहाँ आकर ये सोचने पर मजबूर हो गया हूँ कि आज तक मैं केवल अन्धकार में ही भटक रहा था आज थोड़ा प्रकाश मिला है।

 

टी. आर. साहू
छत्तीसगढ़

रविन्द्र सिंह

 

बहुत ही अद्भुत और दुर्लभ संग्रह है प्राचीन ग्रन्थों का। यह देखकर मन प्रसन्न हो गया।

 

रविन्द्र सिंह शेखावत
जयपुर

प्रदीप कुमार

 

अतुलनीय, प्रेरक, समभाव, वास्तव में बहुत ही सुन्दर एवं यहाँ का वातावरण शिक्षा एवं पवित्र सुख प्रदान करने वाला है। मैं यहाँ आकर खुश हूँ।

 

प्रदीप कुमार
कडवासरा

प्रणवीर सिंह

 

मैं स्वामी दयानन्द जी के जीवन से बहुत प्रभावित हूँ। मुझे यहाँ आकर एवं ऐसी भव्य चित्र प्रदर्शनी को देखकर बहुत ही ज्ञान प्राप्त हुआ। स्वामी जी एवं अन्य देश भक्तों, विद्वानों, क्रान्किारियों और भारतीय संस्कृति से जुड़ी बातें व चित्र हमें पहली बार एक ही संग्रहालय में देखने को मिला। मन प्रसन्न हुआ एवं ज्ञान में वृद्धि हुई।

 

प्रणवीर सिंह सिसोदिया
उदयपुर

जीतेंद्र खुशवाहा

 

निःसन्देह स्वामी जी एवं इनका जीवन परिचय भारतीय जनमानस के लिए प्रेरणास्रोत है और रहेगा। चित्र, लाईट एवं सफाई व्यवस्था बहुत ही सुन्दर। इसके साथ ही यदि पूरी दीर्घा को संगीतमय मन्त्रोच्चारण से भी ध्वनित कर भ्रमण कराया जाए तो यह बहुत ही कर्णप्रिय और सुरुचिकर होगा।

 

जीतेंद्र खुशवाहा

संतोष दीवान

 

आपकी ।तज ळंससमतल और मन्दिर परिसर देखकर मन प्रसन्न हुआ। वेद प्रचार और आर्य समाज का प्रचार तो वैसे भी उस गति व उत्साह से नहीं हो रहा है जिस प्रकार स्वामी जी की इच्छा थी। फिर भी हमें प्रयत्न करना चाहिए। हमारा सुझाव है कि इतने अच्छे व महत्वपूर्ण स्मारक को और अधिक प्रचारित करना चाहिए। इस ज्वनतपेज स्थान को एक मुख्य आकर्शण के रूप में स्थापित किया जाए। मुख्य सड़क पर स्वामी जी के चित्र के साथ उनका परिचय और कार्य को वर्णित किया जाना चाहिए ताकि लोगों को दूर से ही पता चले कि यहाँ आर्य समाज का कुछ देखने लायक है। प्रतिनिधि ने यहाँ अच्छा विवरण दिया।

 

संतोष दिवान
गुड़गाव

रमेश कुमार

 

सत्य के अर्थ का प्रकाश करना चाहता हूँ, असत्य के अनर्थ से अवगत कराना चाहता हूँ।
आर्यों आर्यत्व का पाठ पढ़ाना चाहता हूँ, राष्ट्र को कुरीतियांे से मुक्त कराना चाहता हूँ।। आज 10 मार्च 2016 को नवलखा महल, उदयपुर में अपने साथियों (डी. ए. वी के पदाधिकारियों एवं अन्य) के साथ आकर आर्यावर्त्त चित्रदीर्घा एवं महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के समस्त जीवन-चरित्र की च्वूमत च्वपदज च्तमेमदजंजपवद देखकर न केवल प्रसन्नता हुई अपितु अपना जीवन धन्य हो गया। इसका जितना अधिक प्रचार-प्रसार होगा उतना ही आर्य सिद्धान्तों और आर्य समाजों की प्रगति होगी जिसकी आज के युग में नितान्त आवश्यकता है। आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए।

 

रमेश कुमार लिखा
सचिव डीण् एण् वीण्ए प्रबंधकृत सभाए नई दिल्ली

सेनाराम सियाग

 

अत्यन्त अद्भुत ज्ञान का खजाना मैनें मेरे जीवन में प्रथम बार देखा। वह भी सचित्र। धन्य हैं इस संस्था में काम करने वाले समस्त सेवा भावियों के माता-पिता को। जिनके संतान ऐसे पवित्र एवं गरिमा से पूर्ण संस्थान में कार्यरत् हैं। ये लोग, आज के इस युग में जहाँ अपनी संस्कृति एवं ऋशियों के ज्ञान को भूल चुके हैं, वहाँ लोगों को वास्तविकता का ज्ञान करा रहे हैं। मैं स्वामी दयानन्द एवं यहाँ के सभी कार्यकर्त्ताओं को नमन करता हूँ।

 

सेनाराम सियाग
बाडमेर

दीपिका

 

सर्वप्रथम मेरा सौभाग्य है जो महर्शि दयानन्द जी की इस पुण्य कर्मस्थली पर आने का मौका मिला। यहाँ आकर काफी ऐतिहासिक जानकारियाँ मिलीं। स्वामी जी का जीवन दर्शन बहुत ही रोमांचित एवं अच्छे तरीके से दर्शाया गया है। यहाँ की व्यवस्था के लिए व्यवस्थापक महोदय को बहुत-बहुत धन्यवाद एवं यहाँ के सभी कर्मचारी धन्यवाद के पात्र हैं।

 

दीपिका
दिल्ली

प्रदीप खंडूड़ी

 

मुझे गर्व है अपनी मातृभूमि पर, लेकिन स्वामी दयानन्द जैसे लोगों पर ज्यादा गर्व है। उन्होंने हमारी संस्कृति को बचाने का सम्पूर्ण प्रयास किया। मेरा अपना व्यक्तिगत अनुभव है हमें ऐसे श्रेश्ठ कृत और कृतियों को अपने भविश्य के लिए बचा के रखना चाहिए। जो कि इस पवित्र स्थल नवलखा महल आकर मुझे अनुभव हुआ।

 

प्रदीप खंडूड़ी
देहरादून

नथाराम नेहरा

 

स्वामी दयानन्द सरस्वती के जीवन के बारे में उनके द्वारा रचित महान् ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश और इस भव्य चित्र प्रदर्शनी में अनेक महापुरुशों की जीवन षैली एवं वेद, षास्त्रों के विचार को पढ़कर बहुत अच्छा लग रहा है। यह समाज के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में राह दिखाने का कार्य करेगा। यहाँ लिखे सिद्वान्त समाज और व्यक्ति के जीवन को सुन्दर एवं संस्कारित बनाने में बहुत सहयोग का कार्य करेंगे।

 

नथाराम नेहरा
बाडमेर

डॉ. विरोत्तम

 

आज उदयपुर ब्रो-कोकोन 2015 कान्फ्रंेस में सपरिवार आया था। अनायास इस ऐतिहासिक स्मृति के दर्शन का मौका मिला। अत्यन्त सुन्दर प्रयास है। इस स्थल को और अधिक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।

 

डॉण् विरोत्तम तोमर
मेरठ

पशुपति नाथ

 

स्ंग्रहालय में उपस्थित तथ्य अति उत्तम एवं आज के भौतिकवादी परिवेश में युवा पीढ़ी के लिए विशेष रूप से मार्गदर्शन हैं।

 

पशुपति नाथ

नवदीप पहल

 

सबसे पहले तो मैं यहाँ के संचालक को धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने यह भव्य चित्र-प्रदर्शनी का निर्माण कर स्वामी दयानन्द सरस्वती की इस अनोखी दास्तान को अभी तक इतने अच्छे से सहेज कर रखा है। इनमें थोड़े-से में ही महर्शि दयानन्द जी के जीवन पर पूरा प्रकाश डाल दिया है जो आज की युवा पीढ़ी को बहुत आकर्षित करेगा। यहाँ आकर बहुत ही अच्छा लगा और इनके जीवन काल से प्रेरणा लेकर मैं भी इन्हीं के कदमों पर चलने की पूरी कोशिश करूँगा।

 

नवदीप पहल
१६४२ध्३१ए शास्त्री कॉलोनीए सोनीपत ;हरियाणाद्धए १४६६४११११२

गणेश शंकर

 

नवलखा महल, गुलाबबाग स्थित आर्यावर्त्त चित्रदीर्घा दर्शनीय एवं पठनीय है। विशेशकर विद्यार्थियों को यहाँ अवश्य आना चाहिए। यह स्थल पवित्र भूमि है जहाँ पूज्य महर्शि दयानन्द सरस्वती जी ने साढ़े छः मास निवास किया था। इस स्थल को प्रणाम करने का अवसर प्राप्त कर मैं अपने जीवन को धन्य समझता हूँ। और कामना करता हूँ कि मेरे जैसे कोटी-कोटी भारतीयों को यह सौभाग्य प्राप्त हो।

 

गणेश शंकर त्रिपाठी
सेवानिवृत आई. ए. एस. नोएडा

२००४ के २० हजारवे दर्शक

 

मैं यहाँ आकर काफी प्रसन्न हूँ कि मुझे सत्य का ज्ञान हुआ। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं भारत का नागरिक हूँ। यहाँ आने से पहले सोचा था कि कोई देखने लायक चीजें होंगी। जिसे देखकर घूमकर वापस आ जाएँगे। लेकिन यहाँ आने पर पता चला कि सत्य क्या है और असत्य क्या। मनुश्य अपने कर्मों का फल यहीं पाता है। मन को षांत रखने वाली बातें तथा एक अजीब-सी आहट महसूस की हमने यहाँ आकर। हमें अत्यन्त सुन्दर लगा। मन तो करता है कि बस यहीं रह जाएँ।

 

अनिल मनान

विवेक कुमार

 

स्वामी जी के बारे में पूर्णरूप से जानकर आज मैं अपने आप को बहुत ही सौभाग्यशाली समझ रहा हूँ। स्वामी दयानन्द सचमुच दया के भण्डार थे, जिन्होंने अपने जीवन को सत्य की खोज और फिर लोगों को पाखण्ड मुक्त करने में लगा दिया। अपने अन्त समय में जिस तरह स्वयं को जहर देने वाले सेवक को 500/- रुपये देकर नेपाल भेज देते हैं, इससे बढ़कर दयालु शायद ही इस ब्रह्माण्ड में हुए होंगे। स्वामी जी की बातों ने मन को छू लिया, और एक नई चेतना जाग्रत हुई है। जिससे उनके बारे में और जानने के लिए मैं आतुर हूँ। ऋषि को शत् शत् नमन्।

 

विवेक कुमार तिवारी
कानपूर ;उण्प्रण्द्ध

जय सत्यप्रकाश !

 

अद्भुत कृति।
अपने सभी साथियों के साथ नवलखा महल देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस महल में महापुरुशों, क्रान्तिकारियों, महानुभावों की जीवनियों का जीता जागता वृतान्त मालूम हुआ। हम सभी यह जानकर मन्त्रमुग्ध हुए कि हमारे देश में इतने प्रतापी राजा, प्रतापी सन्त, महात्मा, देशभक्त, क्रान्तिकारी हुए। वास्तव में यह एक अवलोकनीय कल्पना गागर में सागर है।

 

दुले सिंह पंडया
उज्जेन

अमित कुमार

 

मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूँ कि महर्शि दयानन्द सरस्वती के कर्म स्थली को देखने का अवसर मिला। आर्यावर्त्त गैलेरी जो कि एक सर्वश्रेश्ठ गैलेरी में से एक है में जिस प्रकार स्वामी दयानन्द और अनेक महापुरुशों के बारे में जिस तरह से बताया गया है वह निश्चित रूप से अदभुत् एवं अविस्मरणीय है। मुझे पूरी आशा है लोग इससे प्रेरित होंगे।

 

अमित कुमार
नारनोल