दरकते रिश्ते मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में ही रहता है। समाज के अन्य सदस्यों के साथ वह भिन्न-भिन्न प्रकार से व्यवहार कर सकता है सर्वप्रयम वह विभिन्न प्रकार की क्षमता का अर्जन करता है। फिर स्व बुद्धि तथा मन:स्थिति के अनुसार वह क्षमताओं का प्रयोग करता
वासन्ती नवसस्येष्टि यज्ञ होली का पर्व आज जिस रूप में मनाया जाता है,यह कहना कठिन है कि इसका प्रारम्भ किस प्रकार हुआ परन्तु वासन्ती नवसस्येष्टि के रूप में अत्यन्त प्रचीन काल से यह मनाया जाता रहा है। हमारी परम्परा में ‘समरष्टि-कल्याण प्रमुख है। हमे प्रत्येक कार्य के
ये कहाँ आ गए हम अभी हमने अपने गणतंत्र का 63 वाँ जन्मदिन मनाया है। यह अत्यन्त हर्ष का विषय है पर साथ ही आत्मावलोकन का भी। 1857 में हमारा प्रयम स्वातंर्ि समर प्रारम्भ हुआ। मातृभूमि की बलिवेटी पर अपने शीश काटकर अर्पित कर देने वाले वीरों की एकण्य
Arya Samaj, founded by Swami Dayanand Saraswati on April 10, 1875 in Bombay (now Mumbai), is a social reform movement. Contrary to some misconceptions, it is not a religion or a new sect in Hindu religion. Swami Dayanand brought together a number of concerned members of the society to eliminate the ills prevalent within the Hindu Society in the 19th century.