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Navlakha Mahal
Udaipur
Monday - Sunday
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Satyarth Prakash Nyas / सम्पादकीय (Page 5)

15 मई 2014 की शाम थी। मेरा विचार है कि इस दिन सर्वाधिक व्यक्ति अपने अपने टेलीविजन की स्क्रीन से चिपके हुए होंगे। कारण कि दूसरे दिन 16 मई को चैदहवीं लोकसभा के ऐतिहासिक चुनावों के परिणाम आने वाले थे। मैंने देखा है कि प्रायः ज्योतिषी घटना घट जाने के बाद, हमने तो पहले ही बता दिया...

दिनांक 25 को डाॅ. सोनी परिवार की ओर से लगभग 300 लोगों का डिनर आयोजित किया गया था। मेन्यू, गुणवत्ता तथा विविधता लाजवाब। पर मेरे निकट हैरानी की बात ये थी कि इतने सारे मेहमानों के होने पर भी ‘बुके’ 2-4 ही आए थे। पता चला कि डाॅ. सोनी जी ने सभी मेहमानों को निवेदन किया था...

[vc_row][vc_column][vc_column_text] भर्तृहरि जी ने ठीक ही लिख है कि मनुष्य की तृष्णा कभी जीर्ण नहीं होती। और वह तृष्णा अगर सत्ता की हो तो इतनी विकराल हो जाती है कि फिर व्यक्ति को समस्त दायित्व बोध, नैतिकता, सामजिक समरसता की भेंट चढ़ाने मेें एक क्षण की भी हिचकिचाहट नहीं होती। कहने को तो संविधान के अनुसार...